मैगलगंज के भ्रष्ट रेंजर अवैध कटान को दे रहे बढ़ावा, आखिर कैसे बचेंगी हरियाली !

मैगलगंज के भ्रष्ट रेंजर अवैध कटान को दे रहे बढ़ावा, आखिर कैसे बचेंगी हरियाली !

राकेश मौर्य संवाददाता 


लखीमपुर खीरी। खीरी जनपद की मैगलगंज रेंज के भ्रष्ट रेंजर कृष्णा सागर अवैध कटान पर अंकुश लगाने की जगह खुद ही अवैध कटान को बढ़ावा दे रहे हैं। आरोप है कि मैगलगंज रेंजर से सीधे सांठगांठ कर शातिर लकडकटटें क्षेत्र में धडल्ले से अवैध कटान कर रहे हैं। बीते दिनों शातिर लकडकटटों ने मैगलगंज रेंजर से सांठगांठ के बाद दर्जनों हरी भरी आम की बागों का सफाया कर डाला है। शातिर लकडकटटों का कहना है कि जब हमारी रेंजर साहब से सेटिंग है तो हम कुछ भी काट लें, हमे किसी से डरने की क्या जरूरत है।

ज्ञात हो कि खीरी जनपद की मैगलगंज रेंज में फैला भ्रष्टाचार अब जग जाहिर हो चुका है। मैगलगंज रेंज के रेंजर कृष्णा सागर को भी अपने उच्चाधिकारियों का ज़रा भी डर नहीं है। जिसके चलते मैगलगंज रेंजर कृष्णा सागर बेझिझक होकर क्षेत्र के शातिर लकडकटटों के साथ गलबहियां करने लगे हैं तथा उनसे मोटी रकम लेकर उन्हें अवैध कटान करने की खुली छूट दे रहे हैं। इसी खुली छूट की बदौलत ही शातिर लकडकटटें बीते दो दिनों से क्षेत्र के सरैयां व टीकर कोढैय्या गांव में बेशकीमती व प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों का धड़ल्ले से अवैध कटान कर रहे हैं। इन अवैध कटानों की शिकायत किये जाने के बावजूद भ्रष्ट रेंजर कृष्णा सागर ने शातिर लकडकटटों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। 
जबकि इसके विपरीत मैगलगंज रेंजर कृष्णा सागर लकडकटटों की वकालत करते नजर आ रहे हैं। 

इस अवैध कटान की बाबत जब पत्रकारों ने मैगलगंज रेंजर कृष्णा सागर से मालूमात की तो उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में कोई भी अवैध कटान नहीं हो रहा है, लकड़ी ठेकेदार द्वारा सिर्फ कलमी आम के पेड़ काटे जा रहे हैं, क्षेत्रीय लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में कलमी आम के पेड़ दर्शाये है, जिसके आधार पर हमने रवन्ना जारी किया है। 
इस बाबत जब क्षेत्रीय लेखपाल से जानकारी ली तो लेखपाल ने बताया कि हम अपनी रिपोर्ट में सिर्फ आम जामुन या शीशम आदि लिखते हैं तथा पेड़ों की संख्या लिखते हैं, पेड कलमी या दशहरी है, यह हम नहीं जानते है, यह सिर्फ वन विभाग ही बता सकता है। सूत्रों की मानें तो वन विभाग के भ्रष्ट अफसर व कर्मचारी शातिर लकडकटटों को लाभ पहुंचाने के लिए लेखपाल की रिपोर्ट में खेला कर देते हैं तथा देशी आम के पेड़ो को कलमी दर्शा कर महज रवन्ना जारी कर धड़ल्ले से अवैध कटान करा देते हैं। वहीं शिकायत के बावजूद लकडकटटों के विरुद्ध कार्रवाई न करने से करने से साफ पता चलता है कि वन विभाग के कर्मचारियों के साथ वन विभाग के आला अफसर भी भ्रष्टाचार में लिप्त है।

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