आशीष मिश्रा को जमानत:एक हफ्ते में दिल्ली-यूपी छोड़ना होगा, पासपोर्ट जमा कराएंगे; गवाहों को धमकाया तो बेल कैंसिल

आशीष मिश्रा को जमानत:एक हफ्ते में दिल्ली-यूपी छोड़ना होगा, पासपोर्ट जमा कराएंगे; गवाहों को धमकाया तो बेल कैंसिल

अमित मौर्य एडिटर इन चीफ के जी एन लाइव न्यूज चैनल लखीमपुर खीरी


लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते यानी 2 महीने की सशर्त जमानत दी है। 7 दिन के भीतर आशीष मिश्रा को यूपी और दिल्ली छोड़ना होगा। इस अवधि के दौरान वह जहां रहेगा, उसकी पूरी जानकारी कोर्ट को देनी होगी। सिर्फ यही नहीं, अगर किसी गवाह को धमकाया तो बेल कैंसिल कर दी जाएगी।



आशीष की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जेके महेश्वरी की पीठ ने 19 जनवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले साल 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इसके अलावा, कोर्ट ने आशीष को उसका पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। आशीष को निचली अदालत में सुनवाई के दौरान हर हाल में पेश होना पड़ेगा। पेश न होने पर भी जमानत रद्द कर दी जाएगी। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उन 4 किसानें को भी जमानत दे दी है, जिन पर आशीष मिश्रा की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।

UP सरकार ने किया था जमानत का विरोध


लखीमपुर हिंसा को लेकर आशीष की जमानत याचिका पर 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। उस दौरान यूपी सरकार ने जमानत देने का विरोध किया था। सरकार की ओर से पेश AAG गरिमा प्रसाद ने कहा था कि ये एक जघन्य अपराध है। ऐसे मामले में अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो समाज में गलत संदेश जाएगा।

इससे पहले, 12 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि हम किसी विचाराधीन कैदी को कब तक जेल में रख सकते हैं? साथ ही कहा था कि आप ट्रायल का कुछ समय बताइए कि कब तक केस का नतीजा आ जाएगा।

फरवरी में 129 दिन बाद जेल से रिहा हुआ था आशीष


लखीमपुर में 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा के बाद पहली बार 9 अक्टूबर को आशीष मिश्रा ने सरेंडर किया था। 10 अक्टूबर को SIT ने गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह 129 दिन तक जेल में रहा। 10 फरवरी को हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत दी थी। 15 फरवरी को आशीष जेल से बाहर आया था।


जमानत के 68 दिन बाद किया था सरेंडर


आशीष की जमानत के बाद 10 मार्च को गवाह दिलजोत सिंह पर हमला हुआ। 10 मार्च को तिकुनिया थाने में दिलजोत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। फिर अप्रैल में रामपुर में हरदीप सिंह पर हमला हुआ। सुप्रीम कोर्ट में वकील ने गवाहों पर हमले के मामले को उठाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा के आदेश दिए। आशीष मिश्रा को सरेंडर करने के आदेश दिए। आशीष ने जमानत के 68 दिन बाद 24 अप्रैल को सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही वकील उसकी जमानत में लगे लगे हुए थे।

लखीमपुर हिंसा में हत्या का आरोपी है आशीष


6 दिसंबर 2022 को निचली अदालत ने लखीमपुर हिंसा में 13 आरोपियों पर चार्ज तय किए थे। आशीष मिश्रा पर IPC की धारा 147- 148 के तहत दंगा, धारा 302 के तहत हत्या, 307 यानी हत्या का प्रयास, 326 यानी जानबूझकर खतरनाक हथियारों से जानलेवा चोट देना का आरोप है।


केस में 12 और आरोपी


आशीष मिश्रा के अलावा अंकित दास, लतीफ काले, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, आशीष पांडे, शेखर भारती, लवकुश राणा, सुमित जायसवाल, शिशु पाल, रिंकू राणा, उल्लास कुमार त्रिवेदी और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं। ये सभी आरोपी जेल में बंद हैं।

Comments

Popular posts from this blog

कवि हरीश शर्मा के जन्मदिवस पर हुआ जन जागृति अभियान का भव्य शुभारंभ

लखनऊ का इकाना स्टेडियम है पूरी तरह तैयार, 29 जनवरी को होगी भारत और न्यूज़ीलैंड की भिड़ंत शानदार

सिंगनिया ग्राम पंचायत को लगा भ्रष्टाचार का दीमक ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से की शिकायत