अवैध स्कूलों के आगे लाचार शिक्षा महकमा, बीएसए के संभाले नहीं संभल रही कमान

अवैध स्कूलों के आगे लाचार शिक्षा महकमा, बीएसए के संभाले नहीं संभल रही कमान


राकेश मौर्य जिला संवाददाता सदभावना का प्रतीक



लखीमपुर खीरी। जनपद में शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते ब्लॉक फूलबेहड़ क्षेत्र में बिना मान्यता के निजी स्कूलों की भरमार है। विभागीय नियमों को दरकिनार कर इन स्कूलों में सुविधाओं के नाम पर मनमानी फीस वसूली जा रही है। और बेबस अभिभावक का दोहन कर रहे। इन स्कूल संचालकों के आगे शिक्षा विभाग लाचार नजर आने लगा है। सीएम की सख्ती के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचते दिख रहे हैं।


बिना मान्यता के हर गली-कूंचों में संचालित निजी स्कूल विभाग के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। इन स्कूलों के आगे कोई भी विभागीय नियम मायने नहीं रखता। स्कूल, कब खोला जाएगा, कितनी फीस वसूली जाएगी और किसी के लिए कितना रूपया अभिभावकों से मांगा जाएगा। यह सबकुछ संचालक ही तय कर लेते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को जानकारी होने के बाद भी सांठगांठ कर धड़ल्ले से संचालन जारी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। कि इन स्कूलों की कभी मॉनीटरिग नहीं की जाती। साठगांठ होने की वजह से अभिभावकों की शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया जाता है। कुछ समय पहले अभिभावकों ने गांव समेत क्षेत्र के कई बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालन होने की शिकायत की थी। जिसके बाद कार्रवाई तो दूर की बात है। इन स्कूलों के खिलाफ जांच तक नहीं की गई। इतना ही नहीं मीडिया द्वारा गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों का डाटा भी प्रस्तुत कर शिकायत की थी।


 तथा यह भी बताया था कि यह स्कूल अवैध व फर्जी है। इसकी कोई भी मान्यता नहीं है। फिर भी हाईस्कूल की कक्षाओं तक का संचालन किया जा रहा है। जहां न तो बैठने के लिए फर्नीचर है। और न ही पीने के लिए पानी। शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। और स्कूल भी जर्जर मानक विहीन बिल्डिंग में चलाया जा रहा है। स्कूल के चारों ओर खेत है। जिसमें बरसात का पानी भरा होने से सांप आदि कीड़े भी स्कूल में आकर बैठ सकते है। जिससे किसी भी दिन बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है। इस स्कूल में नौनिहालों की जान से जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। इस शिकायत को बीइओ व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। जहां एक ओर निजी स्कूल कमाई का जरिया बन चुके हैं। तो वहीं एक अवैध यस यल वी डी पब्लिक स्कूल भी चलाया जा रहा है। जिसमें किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था तक नहीं है। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची बनाकर बंद कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नोटों की हरियाली में सिर्फ खाना पूर्ति करके बैठ गए। 
आखिर क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना के इंतजार में है।


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