बीडिओ व ब्लॉक मैनेजर कि मिलीभगत से महिला कर्मचारी से मांगे पांच हजार रूपये रिश्वत

बीडिओ व ब्लॉक मैनेजर कि मिलीभगत से महिला कर्मचारी से मांगे पांच हजार रूपये रिश्वत

राकेश मौर्य जिला संवाददाता 


लखीमपुर खीरी। जनपद  उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ भले ही अधिकारी कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार की कार्यवाही कर रहे हैं। उनको भ्रष्टाचार के खिलाफ साल रेंस नीति के चलते कई अफसरों को बीते दिनों में अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। लेकिन जनपद लखीमपुर खीरी के ब्लाक लखीमपुर के क्षेत्र गांव जमुनियां में इसके उल्टे ही एक मामला देखने को मिला। यहां पर सीएम की नीतियों को धता बताते हुते। तीन अफ्सरों ने समूह मे कार्य करने वाली महिला से पांच हजार रूपये लिए तथा दस हजार और रुपयों की मांग की। बताया जा रहा है कि ब्लॉक लखीमपुर के गांव जमुनियां मे आंगनबाडी मे एक राधा नाम कि महिला कार्य कर रही थी। जिस पर ग्रामीणों ने सम्बंधित अधिकारियो से शिकायत की थी। जिसके बाद शाशना देश के आदेश मे यह था। कि जो भी महिला सही से कार्य नहीं करेंगी। उसको पद से हटा दिया जायेगा। नियमों के आदेश पर राधा नाम की महिला को सही से कार्य ना करने के कारण व ड्राई राशन को गायब करने के आरोप मे जून 2022 मे हटा दिया गया था। फिर उसके बाद दूसरी महिला संगीता को कार्य के लिए लगाया गया ।

 आरोप है कि ब्लॉक के मैनेजर मनोज कुमार द्वारा संगीता से कार्य दिलाने के नाम पर पांच हजार रूपये की मांग की गई थी। मैनेजर द्वारा यह बताया गया था। कि आपको कार्य मे रखने के लिए पांच हजार रूपये देने होंगे। क्योंकि ये पड़ते है। इस पर संगीता ने मैनेजर को पांच हजार रूपये दिए। और फिर उसको कार्य करने दिया। संगीता को जून व जुलाई माह का ड्राई राशन दिया गया। जिसे संगीता ने गांव के सभी बच्चों को वितरण कर दिया। तथा अच्छे से कार्य भी किया। उसके बाद अब ब्लॉक के बाबू के पद पर तैनात आरती श्रीवास्तव नाम कि महिला बाबू ने संगीता से दस हजार रुपयों कि मांग करना शुरू कर दिया। मांग पूरी ना होने के कारण ब्लॉक के मैनेजर व बीडिओ को संगीता को बाहर निकालने के लिए बोला। साजिश के तहद संगीता को निकालने के लिए ब्लॉक के मैनेजर व बीडिओ का अहम् रोल है। इसमे तीनो लोग रिश्वत ना पाने के कारण संगीता को कार्य से बाहर निकालने का प्रयास कर रहे है। 


बीडीओ व ब्लॉक मैनेजर मनोज कुमार तथा बाबू आरती श्रीवास्तव का नाम रिश्वत मांगने की बात फैलते ही ब्लाक में आम चर्चा का विषय बना हुआ है।
समूह की व ब्लॉक की कुछ महिला कर्मचारियों के मुताबिक ब्लॉक मैनेजर व आरती श्रीवास्तव बिना पैसे लिए कोई भी कार्य नहीं करती थी। कई महिलाओं व गांव के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आरती श्रीवास्तव के मन मुताबिक काम न करने पर वो सोची समझी रणनीति के तहत उसको फंसा दिया जाता है। इतना ही नहीं लोगों का यहां तक कहना है कि मुख्य विकास अधिकारी बीडिओ की जांच कराने के साथ साथ ब्लॉक मैनेजर व ब्लॉक बाबू की भी जांच होनी चाहिए। जिससे कि सत्यता सामने आ जायेगी। कि कौन कितना ईमानदार है।

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