बस ट्रक की जोरदार टक्कर हादसे में 8 की मौत, 35 घायल प्रधानमंत्री ने किया मुआवजे का एलान

बस ट्रक की जोरदार टक्कर हादसे में 8 की मौत, 35 घायल प्रधानमंत्री ने किया मुआवजे का एलान


अमित मौर्य चीफ एडिटर के जी एन लाइव न्यूज 



उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में बुधवार को सुबह बड़ा हादसा हो गया। तेज रफ्तार ट्रक और एक प्राइवेट बस की ऐरा पुल पर आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। बस में ड्राइवर समेत करीब 65 लोग सवार थे। इनमें से 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 35 लोग घायल बताए जा रहे हैं। लखीमपुर खीरी के ADM संजय कुमार सिंह ने बताया कि गंभीर घायलों को लखनऊ रेफर किया गया है। बाकी लोगों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इस भीषण सड़क हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है 

और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से 2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे। टक्कर से बस की बॉडी पूरी तरह तहस-नहस हो गई। कई शव उसमें फंस गए। पुलिस ने रेस्क्यू कर शवों और यात्रियों को निकाला। बस धौरहरा के इशानगर से लखनऊ आ रही थी, जबकि ट्रक पंजाब की तरफ से आ रहा था। हादसा NH-730 के ऐरा पुल पर हुआ। इसके बाद हाईवे के दोनों तरफ करीब 8 किमी लंबा जाम लग गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने DM और SP को मौके पर भेजा है।

टक्कर से बस के परखच्चे उड़ गए, जबकि ट्रक पलट गया। यात्रियों ने बताया कि बस बेहद तेज रफ्तार से चल रही थी। तेज स्पीड से बस चला रहा था ड्राइवर, मना करने पर भी नहीं माना बस में सवार एक यात्री ने बताया, 'बस 65 यात्रियों को लेकर बस धौरहरा से लखनऊ की ओर आ रही थी। ड्राइवर बहुत तेज स्पीड से बस चला रहा था। यात्रियों ने स्पीड कम करने को कहा, लेकिन ड्राइवर नहीं माना। यही वजह है कि ऐरा पुल पर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे में बस में सवार 4 यात्रियों और ट्रक ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रक के कंडक्टर की जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।” हादसे के तुरंत बाद आस-पास के लोगों ने बस से लोगों को निकालना शुरू किया। हालांकि फंसे हुए लोगों को गैस कटर आने के बाद ही निकाला जा सका। हादसे के तुरंत बाद आस-पास के लोगों ने बस से लोगों को निकालना शुरू किया। हालांकि फंसे हुए लोगों को गैस कटर आने के बाद ही निकाला जा सका। धड़ाम की आवाज आई और पीछे की सवारियां आगे आ गिरी- घायल शमीम हादसे में घायल शमीम ने बताया,"हम लोग धौरहरा के रहने वाले हैं। लखनऊ दवा लेने जा रहे थे। सुबह का वक्त था तो थोड़ी आंख लग गई। अचानक से धड़ाम की आवाज आई। टक्कर इतनी तेज थी कि पीछे जो लोग बैठे थे। वह आगे की सवारियों पर आकर गिरे। ट्रक बस को किनारे से टक्कर मारते हुए निकल गई। जिधर ट्रक टकराया उधर के यात्री सबसे ज्यादा चोटिल हुए हैं। कई लोग मर गए हैं।" घायल लल्लू गुप्ता ने बताया, "हम तीन लोग धौरहरा से सिधौली जा रहे थे। मेरी बेटी खुश्बू और पत्नी बबली भी घायल हैं। गलती ट्रक वाले की थी। वह बहुत तेज चला रहा था। वह आकर सीधे बस से टकराया है। एक साइड बस का खींचता हुआ अपने साथ लेकर चला गया। कई लोग मरे हैं। हम लोग भी बुरी तरह घायल हुए हैं। मेरे सीने में दर्द है। मेरी पत्नी के पैर में चोट आई है। मेरी बेटी भी चोटिल हो गई है।"
मरने वालों में 4 युवक, एक महिला और एक बच्चा हादसे में मारे गए 8 लोगों की पहचान हो गई है। हादसे की जानकारी मिलने पर धौरहरा के भाजपा विधायक विनोद शंकर अवस्थी जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में मरीजों का ठीक से इलाज न किए जाने को लेकर विधायक की जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और अस्पताल के CMO से बहस हो गई। विधायक ने बताया कि जिला अस्पताल में ठीक इंतजाम न होने के कारण यात्रियों के इलाज में देरी हुई।
हादसे के बाद घायल काफी देर तक नदी के पुल पर ही बैठे रहे। पुलिस के पहुंचने के बाद ही इन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जा सका। हादसे के बाद घायल काफी देर तक नदी के पुल पर ही बैठे रहे। पुलिस के पहुंचने के बाद ही इन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जा सका। मुख्यमंत्री ने दुख जताया, अफसरों को राहत के लिए भेजा । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल भेजने और उनके समुचित इलाज के निर्देश दिए हैं।


मृतकों के नाम प्रशासन ने मृतकों में सभी की पहचान कर ली है। 


9 लोग लखीमपुर के ही रहने वाले हैं। जबकि एक मृतक 
लखनऊ का रहने वाला है।
आर्या निगम, उम्र 10 वर्ष पुत्री अंशु निगम, मुन्नू मिश्रा, उम्र 16 वर्ष पुत्र मथुरा मिश्रा,अजीमुन, उम्र 55 वर्ष पत्नी अकील अहमद, कौशल किशोर उम्र 58 वर्ष पुत्र नवल किशोर,सगीर अहमद उम्र 35 वर्ष, पुत्र सईद अहमद
सुरेंद्र कुमार, उम्र 38 वर्ष पुत्र बदलू
सरस्वती प्रसाद वर्मा पुत्र मंशादीन
जितेंद्र उम्र 25 वर्ष पुत्र रामसरन


घायलों के नाम हादसे में 35 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 32 की पहचान हो गई है। जबकि तीन अभी भी अज्ञात हैं। उनकी पहचान नहीं हो सकी है। 



लल्लू गुप्ता(56) पुत्र गज्जा राम,सफीक(45) पुत्र स्माइल,
,रूबी(25) पत्नी रसूल अहमद
,वेद प्रकाश पुत्र संतराम‌ ,राहुल मिश्रा पुत्र राम किशोर ,अजेय जायसवाल पुत्र ओमप्रकाश, जुबेरिया पुत्र फुरकान, कौशल किशोर,जितेंद्र पुत्र राम सरन,सरोजनी पुत्र स्वामी दयाल
जसप्रीत सिंह पुत्र संतोष सिंह,अंशू पुत्र कल्लू, अवधेश सिंह पुत्र कल्लू सिंह
,राजेंद्र पुत्र राम गुलाम,नसीमुन निशां पत्नी अब्दुल,अबी पुत्री फिरोज अहमद,बब्ली गुप्ता पत्नी लल्लन
शानु पुत्र सुनील,तनवी पुत्री फिरोज अहमद,अब्दुल अजीज पुत्र मजीद,
नौशाद पुत्र रहमत अली,,शैलेंद्र वर्मा पुत्र शिवकुमार, रूबी पुत्री अकील अहमद, साबिर पुत्र मंगू,आशा देवी,
पत्नी लल्लू राम,पिंकी पत्नी सुंदर,
गोलू पुत्र राम सरन,विनीत पुत्र सोवरन लाल,सुंदर पुत्र डोडे,मथुरा पुत्र राममूर्ति,,अब्दुल कादिर पुत्र फुरकान
,भज्जालाल पुत्र हरद्वारी लाल इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।


अस्पताल में घायल बच्चे का हाल देख रो पड़ीं कमिश्नर लखनऊ रोशन 


लखीमपुर खीरी ।अधिकारियों के भीतर भी एक दिल होता है। इसकी बानगी बुधवार को जिला अस्पताल में दिखाई दी। जहां एक जख्मी बच्चे की हालत देखकर लखनऊ मंडल के कमिश्नर रोशन जैकब न सिर्फ भावुक हो गई बल्कि उनके आंसू नहीं थमें। बेहद भावुक कमिश्नर ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को फटकार लगाई। कमिश्नर ने कहा कि इस बच्चे को रेफर मत करिए। इसका जो भी इलाज हो सरकारी खर्चे पर कराया जाए। दरअसल बुधवार को लखीमपुर में एक भयानक हादसा हो गया था, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई, जबकि 25 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। इस हादसे की सूचना पर लखीमपुर पहुंची कमिश्नर रोशन जैकब जिला अस्पताल का मुआयना कर रही थीं। उन्होंने इस हादसे में जख्मी मरीजों के परिजनों से बात की।



 इसके बाद वह डॉक्टरों के साथ बैठक करने जा रही थीं। इस बीच एक युवक उनको अस्पताल में मिला, जिसने अपने मरीज का सही इलाज न होने की शिकायत कमिश्नर से की। कमिश्नर उसके साथ वार्ड तक पहुंची जहां उन्हें मरीज के रूप में एक 10 साल का बच्चा बेड पर औंधे मुंह पड़ा दिखाई दिया। दरअसल 2 दिन पहले सदर कोतवाली क्षेत्र के बाजपेई गांव में एक कच्ची दीवार ढह गई थी, जिसमें तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इसी हादसे में कफील नाम का यह बच्चा भी जख्मी था। जो हादसे के बाद से न तो पीठ के बल लेट सकता है और ना उठ कर बैठ सकता है। उसकी हालत देखकर कमिश्नर भी रो पड़ीं। कमिश्नर को सामने खड़ा देख डॉक्टर आनन-फानन में बच्चे को लखनऊ रेफर किए जाने की बात करने लगे। इस पर कमिश्नर उन्होंने डॉक्टरों को मानवता का पाठ पढ़ाते हुए इस बच्चे के इलाज में कोई लापरवाही न बरतने का आदेश दिया।

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